चंडीगढ़, 11 जुलाई:पंजाब के उच्च शिक्षा Minister Harjot Singh Bains ने घोषणा की है कि Punjab Government सीमावर्ती और पिछड़े क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए राज्य में नए सरकारी कॉलेज खोलेगी, ताकि शैक्षिक बुनियादी ढांचे को और विस्तार दिया जा सके।आज Punjab Vidhan Sabha में Riyat Bahra Professional University, होशियारपुर विधेयक 2025 और CGC University, मोहाली विधेयक 2025 पेश करते हुए स बैंस ने राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में हो रही सराहनीय प्रगति को रेखांकित किया और सरकारी कॉलेजों में हुए 85% दाखिला वृद्धि का उल्लेख किया।शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य के सभी सरकारी, निजी और अनुदान प्राप्त कॉलेजों में विद्यार्थियों के दाखिले में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है, जो 2022 में 7 लाख के मुकाबले पिछले शैक्षणिक सत्र में बढ़कर 9 लाख तक पहुंच गई। उन्होंने यह भी बताया कि महाराजा रणजीत सिंह पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी, बठिंडा में दाखिले 1,400 से बढ़कर 2,480 हो गए हैं।उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों में आई.टी.आई. सीटों की संख्या में लगभग 35,000 की वृद्धि की है और पिछले वर्ष 99% सीटें भर चुकी थीं। इस वर्ष 5,000–7,000 नई सीटें और जोड़े जाने की योजना है।इस सफलता का श्रेय उन्होंने मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में काम कर रही पंजाब सरकार की “राज्य को एक वैश्विक शैक्षिक केंद्र में बदलने” की प्रतिबद्धता को दिया। उल्लेखनीय है कि सरकार अब तक युवाओं को 54,000 से अधिक सरकारी नौकरियां प्रदान कर चुकी है, जिससे विदेश पलायन की प्रवृत्ति पर भी अंकुश लगा है।स हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि आम आदमी पार्टी देश के इतिहास की इकलौती पार्टी है जिसने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान शिक्षा को अपने चुनावी एजेंडे का केन्द्रीय मुद्दा बनाया था। उन्होंने कहा कि शिक्षा, पंजाब सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने डेटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, डिजिटल मार्केटिंग, हॉस्पिटैलिटी व टूरिज्म और इवेंट मैनेजमेंट जैसे उभरते हुए क्षेत्रों में नए कोर्स शुरू किए हैं। इसके अतिरिक्त, अनुसूचित जातियों के छात्रों को छात्रवृत्तियों का समय पर वितरण सुनिश्चित किया गया है ताकि कोई भी छात्र वित्तीय कारणों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित न रहे।शिक्षा मंत्री ने कहा कि महज़ तीन वर्ष पहले तक कॉलेजों में 90% प्रोफेसर पद रिक्त थे और कुछ फैकल्टी सदस्य 20,000 रुपये मासिक के नाममात्र वेतन पर काम कर रहे थे। मौजूदा सरकार ने उनका मेहनताना बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है। उन्होंने सभी गेस्ट फैकल्टी प्रोफेसरों को यह विश्वास भी दिलाया कि उनकी सेवाओं को महत्व दिया जाएगा और उनकी नौकरियां सुरक्षित रहेंगी। सरकार ने योग्य और प्रतिभाशाली फैकल्टी की भर्ती करके वर्षों से रिक्त पड़े पदों को भरा है।स बैंस ने आगे कहा कि आज पंजाब अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए एक पसंदीदा स्थल बन चुका है और वर्तमान में 70 देशों के विद्यार्थी पंजाब में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को व्यावहारिक कौशल और अनुभव प्रदान करने के लिए शिक्षण संस्थानों और उद्योगों के बीच अर्थपूर्ण सहयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए बिज़नेस ब्लास्टर प्रोग्राम जैसी पहलों को लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य छात्रों में उद्यमिता और नवाचार की भावना को बढ़ावा देना है। इस कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को सीड मनी और मेंटॉरशिप प्रदान की जाती है, जिससे वे अपनी रचनात्मक सोच और व्यापारिक विचारों को विकसित करते हुए नौकरी ढूंढने वालों की बजाय नौकरी देने वाले बन सकें।