हरियाणा में नायब सैनी सरकार ने पुलिस विभाग में 5600 पदों की भर्ती को अचानक रद्द करके लाखों युवाओं की उम्मीदों को कुचलने का काम किया है। इसी को लेकर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने सोमवार को बयान जारी कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार न तो युवाओं की हितैषी है, न ही राज्य की कानून-व्यवस्था की चिंता इसे ज़रा भी है। यह फैसला युवाओं के मुंह पर करारा तमाचा है, जिन्होंने दिन-रात मेहनत कर, दौड़ लगाकर, दस्तावेज़ जमा कर और तमाम सरकारी प्रक्रियाओं से गुजर कर सिर्फ एक वाजिब नौकरी की उम्मीद पाली थी। अब एक झटके में उनकी मेहनत, सपने और भविष्य – सबको सरकार ने कचरे में फेंक दिया है। उन्होंने कहा यह कोई साधारण प्रशासनिक गलती नहीं है, बल्कि युवाओं के साथ सुनियोजित धोखा है। हरियाणा का युवा पूछ रहा है कि जब 2024 में भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी, तब क्या सरकार सो रही थी? क्या तब ये CET नियम नहीं थे? या फिर अब जानबूझकर लाखों बेरोजगारों को गुमराह करने का षड्यंत्र रचा गया है? उन्होंने कहा कि आखिर इन युवाओं का कसूर क्या था? क्या उनकी मेहनत, दौड़, दस्तावेज़ और सपना सब सिर्फ एक सरकारी नोटिस से मिटा दिए जाएंगे? हरियाणा जैसे राज्य, जहां बेरोजगारी की दर पहले से ही देश में सबसे अधिक है, वहां यह फैसला न केवल बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ अन्याय है, बल्कि राज्य की कानून व्यवस्था पर भी एक गंभीर चोट है।उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में पहले ही 13,000 से अधिक पुलिस पद खाली हैं। थानों में कर्मचारियों की कमी है, गश्त व्यवस्था चरमराई हुई है, अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है और सरकार पुलिस बल को मजबूत करने की बजाय भर्ती ही रद्द कर रही है। ये वही हरियाणा है जहां आए दिन रेप, लूट, हत्या और संगठित अपराध की खबरें अखबारों में सुर्खियां बनती हैं। ऐसी स्थिति में पुलिस बल की मजबूती सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए थी, लेकिन यहां तो सरकार युवाओं को धोखा देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है। क्राइम रिकॉर्ड्स बताते हैं कि हरियाणा की अपराध दर 2024 में प्रति 100,000 जनसंख्या 673.3 तक पहुंच गई—जो राष्ट्रीय औसत 445.9 से बहुत ऊपर है। उन्होंने कहा कि यह फैसला एक तरह से सरकारी निकम्मेपन और राजनीतिक असंवेदनशीलता का प्रतीक बन गया है। युवाओं को नौकरी नहीं, बल्कि नोटिस थमाया गया है। ऐसे समय में जब हरियाणा का युवा पहले से आर्थिक और मानसिक तनाव से गुजर रहा है, यह निर्णय उनकी पीठ में छुरा घोंपने जैसा है।उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी बीजेपी सरकार से यह जानना चाहती है कि जब 2024 में यह भर्ती निकाली गई थी, तब क्या नियम नहीं देखे गए थे? क्या यह सरकार की लापरवाही नहीं है? क्या इस प्रशासनिक विफलता के लिए कोई जिम्मेदार अधिकारी या मंत्री जवाब देगा?उन्होंने कहा कि सैनी सरकार जानबूझकर प्रदेश के युवाओं के साथ किया गया यह विश्वासघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आम आदमी पार्टी हरियाणा के युवाओं के साथ खड़ी है, उनकी आवाज़ बनेगी और इस अन्याय के खिलाफ हर मंच पर लड़ेगी।