अधिकारियों की कारगुजारी हुई बेनकाब, सरकार के दरबार में पहुंचे सिर्फ छोटे-मोटे काम

-- जिन कामों को ब्लॉक या जिला स्तर पर निपटाया जा सकता था उसके लिए पहुंचना पड़ा मंत्रियों के पास
-- नगर काउंसिल से लेकर पुलिस थाना, पटवारी से लेकर तहसीलदार, भलाई अधिकारी के मिले काम
दी स्टेट हैडलाइंस
चंडीगढ़।
ब्लॉक स्तर व जिला स्तर के अधिकारियों की कारगुजारी आज आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा लगाए गए सरकार आपके द्वार प्रोग्राम में बेनकाब हो गई है। कहने को तो चंडीगढ़ से मुख्यमंत्री के इलावा सभी कैबिनेट मंत्री शिकायतें सुनने और काम करने के लिए आए थे परंतु इक्का-दुक्का कार्य को छोड़कर कोई भी कार्य मंत्री के स्तर पर ही नजर नहीं आया बल्कि हैरानी वाली बात यह है कि 90 परसेंट से ज्यादा काम ब्लॉक या फिर जिला स्तर के ही थे जिनको अधिकारियों द्वारा निचले स्तर पर ही निपटाया जाना चाहिए था परंतु अधिकारियों द्वारा काम समय पर नहीं किए जाने के चलते आम लोगों को मंत्रियों तक पहुंच करनी पड़ी। कैबिनेट मंत्रियों के साथ आए कुछ अधिकारी भी इस चीज को देखकर हैरान थे कि जिन कामों को रूटीन में ही हो जाना उन कामों को लेकर आम लोगों को ना सिर्फ इधर-उधर भटकना पड़ा है बल्कि आज सरकार के दरबार में पेश होकर गुहार तक लगानी पड़ी है।
सरकार के दरबार में बड़ी गिनती में काम नगर कौंसिल से लेकर पुलिस थाने या फिर पटवारी से लेकर तहसीलदार तक ही सीमित थे। कुछ लोगों को हम भलाई अधिकारी से शिकायत थी कि उनका पेंशन से लेकर अन्य भलाई कार्यों को नहीं किया जा रहा है तो किसी की गली नाली को लेकर शिकायत थी। किसी का पुलिस थाने में सुनवाई नहीं होने का मामला था तो किसी को पुलिस द्वारा ही परेशान करने का मामला था। आज के दरबार में 90 परसेंट से ज्यादा मामले लोकल स्तर पर ही थे।
सरकार अधिकारियों को फटकार लगाने की तैयारी में
सरकार आपके द्वार के प्रोग्राम में लोकल स्तर के ज्यादा काम आने के चलते कैबिनेट मंत्रियों के उच्च अधिकारियों को भी महसूस हुआ है कि निचले स्तर पर काम नहीं हो रहे हैं इसलिए निचले स्तर पर ही कार्रवाई करनी बहुत ज्यादा जरूरी है ताकि आम लोगों के काम तुरंत होने के साथ-साथ उन्हें इधर-उधर अपनी फाइलों को लेकर घूमना ना पड़े इसलिए जल्द ही इस मामले में सरकार की तरफ से कोई आदेश या सख्त कार्रवाई हो सकती है।

गांव में बस नही आने की शिकायत लेकर 3-4 लोग पहुंच गए। जिसको सुन कर मंत्री लालजीत भुल्लर हैरान जरूर हुए परन्तु उन्होंने भी पैन उठा कर लिखना शुरू कर दिया। मंत्री लालजीत भुल्लर सभी कामों को खुद लिख रहे थे। क्योंकि शिकायत लेकर आने वाले लिखित में कुछ लाने की जगह वहीं पर बोलकर ही लिख आने लग रहे थे।

कुछ मंत्रियों के पास लंबी लंबी लाइनें लगी रही थी और मंत्री भी परेशान होते हुए नजर आ रहे थे क्योंकि धक्का मुक्की में उनको भी कामो की कम समझ आ रही थी परन्तु फिर भी काम करने की कोशिश हो रही थी।

कैबिनेट बलजीत कौर और लाल चंद कटारूचक के पास ज्यादा काम या शिकायतें नही आ रही थी, जबकि मंत्री हरपाल चीमा के पास लाइन टूटने के नाम नही ले रही थी।

मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर व अमन अरोड़ा के पास सभी से ज्यादा भीड़ दिखाई दे रही थी। पुलिस के अधिकारी भी उनके पास ही बैठे थे। उनके विभागों के इलावा पुलिस के काम भी उनके द्वारा निपटाए जा रहे थे। भीड़ को कंट्रोल करते हुए इन मंत्रियों द्वारा कुर्सी पर बिठा कर शिकायतें सुनने के साथ निपटारा किया जा रहा था।
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