गेहूं की चमक खत्म, दाना हुआ टूटा, नियमों के चलते नहीं हो पा रही है खरीद

-- पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से नियमों में विशेष छूट देते हुए किसानों पर दया दिखाने की की अपील
-- नियमों में 6 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक की छूट केंद्र जल्द लेगा फैसला
दी स्टेट हैडलाइंस
चंडीगढ़।
पंजाब में बेमौसम बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसलों की चमक 100 फीसदी तक चली गई है l गेहूं का दाना 15 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है। मंडियों में आने वाली फसल में गेहूं 6 प्रतिशत तक पूरी तरह से खराब हो गयी है तो मामूली क्षति वाली फसल 12 प्रतिशत तक पहुंच सकती हैl जिस कारण ही सख्त नियमों के चलते इस गेहूं को खरीदा नहीं जा रहा है, क्योंकि इस प्रकार की फसल को खरीदने की अनुमति अभी तक केंद्र सरकार द्वारा दी ही नही गयी है।
किसानों की इस हालत को देखते हुए पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह तुरंत नियमों में बड़े पैमाने पर ढील दे ताकि किसानों को अपनी फसल के साथ मंडियों में परेशान ना होना पड़े l पंजाब सरकार की तरफ से 5 अप्रैल को केंद्र सरकार को एक पत्र भेजा गया हैl
खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के सचिव गुरकीरत सिंह कृपाल ने लिखा पत्र
खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के सचिव गुरकीरत सिंह कृपाल ने 5 अप्रैल को लिखे अपने पत्र में निवेदन किया है कि पिछले कुछ दिनों में तेज हवाओं और बेमौसम भारी बारिश से पूरे पंजाब में भारी नुकसान हुआ है l गेहूं की फसल जमीन में बैठ गई है और खेतों में पानी भर गया है। इससे खड़ी गेहूं की फसल की उपज और गुणवत्ता पर महत्वपूर्ण नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। राज्य सरकार ने फसल क्षति का आकलन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही अंतिम दौर के आंकड़े उपलब्ध होने की उम्मीद है।
उन्होंने लिखा है कि बेमौसम बारिश का एक बड़ा परिणाम यह हुआ है कि गेहूं की फसल को नुकसान के साथ-साथ उसकी चमक खत्म हो गई है और दाना टूट गया है। कई जगहों से गेहूं की फसल खराब होने की भी खबर है। यह सब अनाज मंडियों में आ रही शुरुआती फसल में देखने को मिल रहा है।
गेहूँ के दाने में चमक का नुकसान उच्च प्रतिशत तक दिखाई देता है। जिसके कारण गेहूं की खरीद के लिए नियमों में ढील दिए बिना अनाज को खरीदना संभव नहीं हो सकता है।
स्थिति किसान के नियंत्रण से बाहर
पंजाब सरकार ने अपने पत्र में लिखा है कि मौजूदा स्थिति किसान के नियंत्रण से बाहर है, क्योंकि मौसम पर किसी का नियंत्रण नहीं है l इसलिए अनाज में किसी भी प्राकृतिक परिवर्तन पर किसानों के लिए सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिए। इससे पहले भी केंद्र सरकार अनाज के नियमों में पर्याप्त छूट देकर किसानों के हितों की रक्षा करती रही है। पिछले वर्षों के दौरान किसानों से बिना किसी पैसे की कटौती के खरीद नियमों में ढील दी गई थी।
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पहले से ही कर्ज में डूबे किसान राहत के हकदार
सरकार ने अपने पत्र में लिखा है कि पंजाब का किसान पहले से कर्ज में डूबा हुआ है और अब फसल के खराबे में भारी नुकसान के कारण बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान उठा रहा है l किसानों के पास बची हुई फसल में अब और पैसों की कटौती किसानों के हितों के लिए बड़ा झटका होगा l जो उनके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए केंद्र सरकार को सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए विशेष छूट देकर बिना कटौती के फसल खरीदने की अनुमति दी जानी चाहिए। इस समय किसान पहले से ही बुरे दौर से बाहर आ रहा है, ऐसे में उसे अपनी फसल खरीदने से रोकना गलत होगा l
केंद्र से यह मांगी गई है छूट
-- खराब अनाज पर 6 फीसदी तक की छूट
-- मामूली क्षतिग्रस्त अनाज पर 12 प्रतिशत तक की छूट
-- टूटे अनाज पर 15 प्रतिशत तक की छूट
-- गेहूं के दाने की चमक पर 100 प्रतिशत तक की छूट
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