डीसी ऑफिस में सेटिंग का खेल, जाना पड़ेगा जेल

-- डीसी ऑफिस के इस खेल को देखकर पुलिस भी हैरान
दी स्टेट हैडलाइंस
चंडीगढ़।
डीसी ऑफिस में बैठे कुछ अधिकारी व कर्मचारी सेटिंग के खेल से ही बड़े बड़े कारनामे करने में लगे हुए है। मात्र कुछ ही लाखों रुपए में आर्म लाइसेंस तक बना दिए जाते हैं।
इन फर्जी आर्म लाइसेंस पर लिए हुए हथियार से ही बड़े-बड़े गलत कामों को अंजाम दिया जा रहा है। ऐसे ही एक मामले के सामने आने के पश्चात अब कर्मचारियों को भी जेल जाना पड़ेगा जो कि इस पूरे फर्जी खेल को चलाने में लगे हुए हैं।
यह मामला तरनतारन के डीसी ऑफिस से जुड़ा हुआ है जहां पर फर्जी आर्म लाइसेंस आसानी से ही बना दिए जाते हैं। जालंधर के गांव हजारा स्थित कोटक महिंद्रा बैंक की शाखा में 9 लाख रुपये की हुई लूट में पकड़े गए रमनदीप सिंह और डीड राइटर दविंदर सिंह से पकड़ी गई पिस्तौल से ही यह खुलासा हुआ है।
इन दोनों ने जिस हथियार से लूट को अंजाम दिया था वह हथियार तरनतारन डिप्टी कमिश्नर दफ्तर की तरफ से जारी हुआ बताया जा रहा है।
मृतकों के आर्म्स लाइसेंस को फर्जी तरीके से किया जाता है ट्रांसफर
फर्जी हथियारों का खेल डीसी ऑफिस में बैठे कर्मचारियों से लेकर हथियार बेचने वाले डीलरों तक फैला हुआ है। जालंधर पुलिस की शुरुआती जांच में पता लगा है कि जिस पिस्तौल से यह लूट हुई है। यह फर्जी है और कभी रमनदीप सिंह के भाई सुरजीत सिंह के नाम पर लाइसेंस जारी ही नहीं हुआ है यह फर्जी लाइसेंस तरनतारन डीसी ऑफिस में सेटिंग के जरिए बनवाया गया है। बताया जा रहा है कि डीलर और दफ्तर के कर्मचारियों की मिलीभगत से पता चल जाता है कि किस लाइसेंस धारक की मौत हो चुकी है। उसके बाद लाइसेंस लेने के इच्छुक से एक शपथ पत्र ले लिया जाता है कि वह अपना नाम और पता बदल रहा है। डीसी दफ्तर में पूरी सेटिंग के चलते उस लाइसेंस का नाम व पता बदलकर दूसरे को दे दिया जाता है।
पंजाब के बाकी डीसी दफ्तरों तक जा सकती है जांच
भले ही यह मामला तरनतारन डीसी ऑफिस से संबंधित है परंतु इसकी आंच पंजाब भर के बाकी डीसी ऑफिस तक भी जा सकती है। क्योंकि इस तरह का खेल अगर तरनतारन डीसी ऑफिस में चल रहा है तो बाकी डीसी ऑफिस में ऐसा कुछ तो नहीं है, इसके लिए जांच शुरू की जा सकती है। अगर ऐसा हुआ तो पंजाब भर के डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर में स्थित आर्म्स ब्रांच के सारे रिकॉर्ड चेक होंगे।
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आर्म्स लाइसेंस को लेकर डीसी ऑफिस रहे है चर्चा में
पंजाब के डिप्टी कमिश्नर दफ्तर पहले भी आर्म्स लाइसेंस को लेकर पहले भी काफी बार चर्चा में रहे हैं। पंजाब में जरूरत ना होने के पश्चात भी आर्म्स लाइसेंस को बनवाया जाता है। इसके पीछे किसी का शौक़ रहा है तो कुछ लोग गलत कामों को अंजाम देने के लिए ऐसा करते आ रहे है। आर्म्स लाइसेंस को बनवाने के लिए मंत्रियो तक कि सिफारिश लगवाने से लोग पीछे नही हटते है।
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