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काले शासन की एक भी उपलब्धि बताओ: CM Mann की Sukhbir Badal को चुनौती

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संगरूर, 11 अगस्तPunjab CM Bhagwant Singh Mann ने बादलों पर राज्य को राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक रूप से बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए अकाली नेता Sukbhir Badal को राज्य में अपने काले लंबे शासन की एक भी उपलब्धि गिनाने की चुनौती दी।सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल पर तंज कसते हुए कहा कि बादलों ने राज्य और इसके लोगों की परवाह किए बिना सिर्फ अपने कारोबार बढ़ाने के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि 2007-2017 का समय सूबे का सबसे काला दौर था, जब ट्रांसपोर्ट, केबल, रेत, नशा और अन्य माफिया ने राज्य में अपने पैर पसारे। भगवंत सिंह मान ने अकाली नेता को इस दौरान अपनी सरकार की एक भी उपलब्धि बताने की चुनौती दी और कहा कि अकाली शासन में नशा तेजी से फैला।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूरे उत्साह के साथ पंजाब और इसके लोगों की सेवा कर रही है और इन नेताओं को अब अपने पापों की कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि अब राज्य के खिलाफ जघन्य अपराधों के जिम्मेदार नेताओं को सलाखों के पीछे डाला जा रहा है। उन्होंने नाभा जेल में बंद एक बड़े नशा तस्कर का उदाहरण देते हुए कहा कि मौजूदा सरकार जब ऐसे तत्वों के खिलाफ लड़ रही है तो पारंपरिक पार्टियां उन्हें बचाने में जुटी हुई हैं।नशे के आरोप में नाभा जेल में बंद पूर्व अकाली मंत्री के समर्थन में खड़े पारंपरिक दलों के नेताओं पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि कांग्रेसी नेता चरनजीत सिंह चन्नी, प्रताप सिंह बाजवा, सुखपाल सिंह खैहरा, भाजपा नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह और रवनीत सिंह बिट्टू खुलकर उसका समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पारंपरिक राजनीतिक पार्टियों की मिलीभगत को उजागर करता है और सत्ता में रहते समय वे एक-दूसरे के गलत कामों पर पर्दा डालते हैं। भगवंत सिंह मान ने एक बार फिर उन्हें चुनौती दी कि वे पंजाब के लोगों को स्पष्ट करें कि वे नशा तस्करों के साथ हैं या उनके खिलाफ।मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नेताओं ने धर्म को भी नहीं बख्शा और अपने निजी हितों के लिए धन लूटा। उन्होंने कहा कि सुखबीर को न तो पंजाब की संस्कृति, भूगोल, धर्म का ज्ञान है और न ही बुनियादी पंजाबी भाषा आती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का बेटा सूबे में सत्ता हथियाने के लिए बेताब है। उन्होंने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि अकाली दल 1920 में बना था और 2019 में समाप्त हो जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि कुर्बानियों से भरी समृद्ध विरासत वाला अकाली दल अब नशा तस्करों की पार्टी बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आपसी गुटबाजी की शिकार है, जहां हर नेता भविष्य में मुख्यमंत्री की कुर्सी पाने के लिए आतुर है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं के पास राज्य के लिए कोई दृष्टिकोण नहीं है, वे सिर्फ सत्ता की लालसा को पूरा करने और किसी भी तरह उसे हासिल करने में लगे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें जनता की दौलत लूटने का अनुभव नहीं, बल्कि हमें आम लोगों के दुख-सुख बांटने और उनके मसले हल करने का अनुभव है। उन्होंने कहा कि वे सूबे की भलाई और जनता की खुशहाली के लिए समर्पित भाव से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक नेता इन बातों को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए वे बार-बार हमारे खिलाफ जहर उगल रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे घटिया हथकंडे उन्हें राज्य की सेवा करने से नहीं रोक सकते और वे राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए इस नेक काम को जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के नेताओं ने कभी भी राज्य या इसके लोगों की परवाह नहीं की और हमेशा अपने परिवार व निजी हितों को प्राथमिकता दी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं का रवैया पंजाब और उसके लोगों, दोनों के लिए हानिकारक साबित हुआ।मुख्यमंत्री ने कहा कि पारंपरिक पार्टियां उनसे इसलिए जलती हैं क्योंकि वे एक साधारण परिवार से आते हैं। उन्होंने कहा कि इन नेताओं का मानना था कि उनके पास राज्य पर राज करने का दैवी अधिकार है। इस वजह से वे यह बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं कि एक आम आदमी राज्य को कुशलता से चला रहा है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने लंबे समय तक जनता को बेवकूफ बनाया, लेकिन अब लोग उनके भ्रामक प्रचार में नहीं आ रहे।इससे पहले मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी जत्थेदार करतार सिंह दरवेश सीनियर सेकेंडरी स्कूल, संगरूर, जिसे 3.40 करोड़ रुपये की लागत से स्कूल ऑफ एमिनेंस के रूप में अपग्रेड किया गया है, जनता को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि इस स्कूल के छात्रों और शिक्षकों को सभी जरूरी उपकरण और सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं और स्कूल का कायाकल्प किया गया है, जिसमें ऑडिटोरियम हॉल का निर्माण व मरम्मत, प्रवेश द्वार, मंच, पार्क, शेड, मिड-डे मील रसोई, कार्यशालाएं, प्रयोगशालाएं, पीने के पानी की सुविधा और कक्षाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह स्कूल विश्व प्रसिद्ध है और यहां के छात्र दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ चुके हैं।मुख्यमंत्री ने सरकारी नर्सिंग ट्रेनिंग स्कूल, संगरूर भी जनता को समर्पित किया, जिसका निर्माण 7.81 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। उन्होंने कहा कि इस अत्याधुनिक नर्सिंग ट्रेनिंग स्कूल में तीन वर्षीय जीएनएम कोर्स कराया जा रहा है और इसे हॉस्टल, आधुनिक प्रयोगशालाएं, मैस, स्मार्ट कक्षाएं, आधुनिक पुस्तकालय, बस सेवा और अन्य सुविधाओं से लैस किया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह संस्था ग्रामीण इलाकों के छात्रों के लिए वरदान साबित होगी क्योंकि पहले उन्हें नर्सिंग की पढ़ाई के लिए बठिंडा, पटियाला या अन्य दूर-दराज जाना पड़ता था।मुख्यमंत्री ने वर्ल्ड कैंसर केयर की 12 मोबाइल कैंसर स्क्रीनिंग बसों को हरी झंडी दिखाई। ये बसें विभिन्न गांवों और कस्बों में कैंप लगाकर लोगों की जांच करेंगी और कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाएंगी। उन्होंने संस्था के चेयरमैन डॉ. कुलवंत सिंह धालीवाल की गुरु तेग बहादर जी के 350वें शहादत दिवस के मौके पर पंजाब में 350 मुफ्त कैंसर स्क्रीनिंग और जागरूकता कैंप लगाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन कैंपों में महिलाओं में स्तन कैंसर के लिए मैमोग्राफी, सर्वाइकल कैंसर के लिए पीएपी स्मीयर, पुरुषों के प्रोस्टेट कैंसर के लिए पीएसए टेस्ट, मुंह और गले के कैंसर के लिए ओरल स्क्रीनिंग, बोन डेंसिटी टेस्ट, ब्लड टेस्ट और अन्य आवश्यक जांच मुफ्त की जाएंगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऐतिहासिक दिन है क्योंकि कैंसर के खिलाफ अभियान को नए तरीके से शुरू किया गया है, जिसमें आम आदमी को घर-घर कैंसर की जांच और इलाज की सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह खतरा विशेषकर मालवा क्षेत्र के लोगों के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि बठिंडा से बीकानेर तक चलने वाली रेलगाड़ी को भी कैंसर एक्सप्रेस कहा जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।

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किसानों के तेवर से टूटी सरकार की हेकड़ी, लैंड पुलिंग पॉलिसी ध्वस्त

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पंजाब में किसानों के विरोध की आग ने सरकार की नई लैंड पुलिंग पॉलिसी को जला कर राख कर दिया। लंबे समय से किसान संगठनों ने इस नीति को ‘जमीन हड़पने की साजिश’ बताकर मोर्चा खोल रखा था। उनका कहना था कि यह पॉलिसी किसानों की जमीन का नियंत्रण सरकार और निजी डेवलपर्स के हाथ में सौंपने का रास्ता तैयार करती है, जिससे किसानों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।पिछले कई हफ्तों से पंजाब के अलग-अलग इलाकों में किसान सड़कों पर उतर आए थे। जगह-जगह धरने और रैलियां हुईं। गांव-गांव में पंचायतें बुलाई गईं, जहां किसानों ने सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए। किसान नेताओं ने साफ कहा कि वे अपनी जमीन के अधिकार पर किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे।प्रदर्शन इतना तेज हुआ कि छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक इसकी गूंज सुनाई देने लगी। ट्रैक्टर रैलियां निकाली गईं, सरकारी दफ्तरों के बाहर धरने दिए गए और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे गए। किसानों की एकजुटता ने सरकार पर सीधा दबाव बना दिया।सरकार की ओर से शुरुआत में यह तर्क दिया गया कि लैंड पुलिंग पॉलिसी विकास और शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए है। अधिकारियों का कहना था कि इससे किसानों को भी आर्थिक लाभ होगा, लेकिन किसानों ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया। उनका कहना था कि विकास के नाम पर उनकी पुश्तैनी जमीन छीनने का यह तरीका है।किसानों का विरोध देखते हुए कई राजनीतिक दल भी उनके समर्थन में उतर आए। विपक्ष ने इसे सरकार की “जनविरोधी नीति” करार दिया और विधानसभा में इस पर जोरदार बहस की। राजनीतिक माहौल गर्माने के साथ ही सरकार की मुश्किलें बढ़ने लगीं।आखिरकार, किसानों के दबाव और जनाक्रोश के सामने पंजाब सरकार को झुकना पड़ा। विभाग के उच्च अधिकारी ने आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि नई लैंड पुलिंग पॉलिसी वापस ली जा रही है। किसान संगठनों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह जनता की जीत और सरकार की हार है। उन्होंने कहा कि यह साबित हो गया है कि अगर लोग एकजुट होकर लड़ें, तो बड़ी से बड़ी नीति भी बदली जा सकती है। हालांकि, किसान नेताओं ने चेतावनी भी दी कि वे सतर्क रहेंगे और अगर दोबारा कोई ऐसी कोशिश हुई, तो विरोध और भी सख्त होगा।यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि पंजाब में किसान आंदोलन की ताकत कितनी गहरी है। अतीत में भी कई बार किसानों ने अपने हितों के खिलाफ नीतियों को बदलवाने में सफलता हासिल की है। लैंड पुलिंग पॉलिसी की वापसी ने न सिर्फ किसानों का आत्मविश्वास बढ़ाया है, बल्कि सरकार को भी यह संदेश दिया है कि जमीन और किसान के मुद्दे पर किसी तरह का समझौता आसान नहीं है।

राजनीती

Niti Aayog Meeting का बायकॉट, नहीं जाएंगे भगवान मान

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-- कल दिल्ली में होनी है Niti Aayog Meeting, भगवंत मान ने लिखी प्रधानमंत्री को चिट्ठी दी स्टेट हैडलाइंस चंडीगढ़।पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा दिल्ली में होने वाली कल Niti Aayog Meeting का बायकॉट करने का ऐलान कर दिया है। नीति आयोग की इस मीटिंग में मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल होने के लिए नहीं जा रहे हैं। इस संबंध में भगवंत मान द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखते हुए अवगत भी करवा दिया है कि इस तरह की मीटिंग में कोई भी मसला हल नहीं होता बल्कि सिर्फ फोटो सेशन करते हुए वापस भेज दिया जाता है l ऐसे में वह Niti Aayog Meeting में शामिल नहीं होंगेl अगर प्रधानमंत्री इस बात का भरोसा देते हैं कि पंजाब द्वारा उठाए जाने वाले मसलों पर मीटिंग में चर्चा होने के साथ-साथ उन्हें हल तरफ ले जाया जाएगा तो वह मीटिंग में शामिल हो सकते हैं परंतु किसी के फोटो सेशन में वह नहीं आएंगे। पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पश्चात पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा नीति आयोग की मीटिंग का बायकाट करने वाले दूसरे मुख्यमंत्री बन गए हैं। ऐसे में देश में एक नई परंपरा शुरू हो गई है कि अगर आपके सुनवाई नहीं होती है तो आप मीटिंग का बायकॉट करते हुए अपनी नाराजगी रख सकते हैं। यह भी पढ़े :- अरविन्द केजरीवाल ने भी किया बायकॉट अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा भी Niti Aayog Meeting की मीटिंग का बायकॉट करने का ऐलान कर दिया गया है l इस संबंध में अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री को दो पेज का पत्र भी लिखा गया है, जिसमें उन्होंने फेडरल सिस्टम को खत्म करने के साथ-साथ दिल्ली के मामलों में दखलंदाजी को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की है। पश्चिमी बंगाल और पंजाब के पश्चात अब दिल्ली द्वारा भी नीति आयोग की मीटिंग का बायकॉट करने का ऐलान करने के चलते अब इस मीटिंग में 3 राज्यों के मुख्यमंत्री भाग नहीं लेंगे l बताया जा रहा है कि इस बायकॉट की कड़ी में कई और भी राज्य शामिल हो सकते हैं l पलपल की खबरों पर अपडेट के लिए पेज को सब्सक्राईब करें व FACEBOOK और TWITER को फॉलो करें l

शिक्षा

Khan Sir Vs Physics Wallah, किस में लें एडमिशन ?

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Khan Sir Vs Physics Wallah: दसवीं की परीक्षा के बाद हर विद्यार्थी के मन में उसके परिणाम के साथ साथ यह सवाल उठता है कि वह आगे चलकर अपनी आने वाली जिंदगी में कौन सा करियर का चयन करें जो उसे सफलता की राह पर डाल दे। और आज के समय में तो बच्चों को इसमें काफी तरह की ऑप्शंस मिल जाते हैं जैसे कि कॉमर्स, मेडिकल नॉन मेडिकल आदि। जिसमें ज्यादातार बच्चे मेडिकल फील्ड में जाने के लिए JEE Mains की तैयारी करने में लग जाते हैं। इसके लिए हर बच्चा और माता- पिता इसी चिंता मे रहते है कि कोनसा कोचिंग सेंटर उनके लिए बेस्ट होगा जिससे उन्हें भारत के सबसे टॉप IIT इंस्टिट्यूट में दाखिला मिल सके। इसलिए आज हम Physics Wallah vs Khan Sir के कुछ रिव्यूज लेकर आए हैं जो कि विद्यार्थियों द्वारा दिए गये है। जिसको लेकर आप अपने मन में क्लेरिटी ला सकते है कि आपके लिए दोनों में से कौन सा बेहतर है। वैसे तो देश में बहुत से कोचिंग इंस्टिट्यूट है जो JEE Mains की तैयारी करवाते हैं, परंतु आज हम इन दो कोचिंग सेंटर के अच्छे और बुरे रिव्यू के बारे में बात करेंगे जो कि आज भारत में बहुत ही तहलका मचाए हुए हैं और विद्यार्थियों का उनके प्रति रवैया और मत आपके सामने रखेंगे। जिससे आपको पता लग सके कि कौन सा इंस्टिट्यूट आपको इस परीक्षा की तैयारी अच्छे ढंग से करवा सकता है। हमारी तरफ से इन दोनों कोचिंग इंस्टिट्यूट के बारे में दी जा रही जानकारी पूर्ण तरह से विद्यार्थियों द्वारा दिए गए रिव्यू पर आधारित है। ऐसा इसलिए क्योंकि पत्रकार कभी भी किसी खबर में अपनी तरफ से कुछ भी नहीं डाल सकता है और किसी भी शिक्षण संस्थान का असली अंदाज़ा वहाँ पढ़ने वाले बच्चे ही अच्छी तरह से बता सकते हैं। Khan Sir Vs Physics Wallah: फिजिक्स वाला बच्चो पर कम और पैसो पर देता है अधिक ध्यान Mastodon का यह कहना है कि Physics Wallah का फाउंडर 2020 तक तो बहुत ही अच्छा पढाता था। परंतु जब से वह बिजनेस की फील्ड में अपने शिक्षण को लेकर आया है तब से उनका ध्यान बच्चों की पढ़ाई की तरफ कम और पैसा कमाने की हो ओर ज्यादा लग चुका है। जिसके कारण से वह बहुत सारी कोंट्रोवर्सी में बेवजह फंसा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ खान सर है जिनका ध्यान सिर्फ बच्चों की पढ़ाई की तरफ है कि कैसे वह बच्चों को अच्छे से अच्छा पढ़ा सकते हैं उन्हें आगे आने वाले उनके जीवन के लिए तैयार कर सकते हैं। अच्छे शिक्षक होने के साथ-साथ वह एक बहुत अच्छे लाइफ गाइड भी हैं। Khan Sir Vs Physics Wallah क्योंकि वह बच्चों को जिंदगी के कुछ ऐसे पाठ सिखा देते हैं जो उन्हें जीवन की असली सच्चाई बताते हैं कि कैसे उनका पढ़ना कितना जरूरी है। उनका विश्वास शांतिपुरण माहौल बनाये रखने में ही है इसलिए वह अपने Haters की तरफ ज्यादा ध्यान नही देते और बिना फिजूल की किसी भी उलझन में नहीं फस्ते हैं। इसके साथ वह कभी भी अपने किसी भी कोर्स को प्रमोट नहीं करते है, वहीं अगर हम Physics Wallah यानी अलख सर की बात करें तो वह NEET एग्जाम के खत्म होते ही उसी दिन से यकीनन बैच की प्रमोशन चालू कर देते हैं। जिससे वह ज्यादा से ज्यादा पैसा कमा सके। Khan Sir Vs Physics Wallah फिजिक्स वाला हफ्ते में लेता है टेस्ट Khan Sir और Physics Wallah दोनों ही UPSC के फील्ड में नये आए हैं क्योंकि दोनों पहले से ही फिजिक्स की कोचिंग देते हैं। उन्होंने हाल ही में अपने UPSC के बैच शुरू करें जिसमे विधार्थियो ने यह बताया है कि फिजिक्स वाला तो अपनी कोचिंग में डेली प्रैक्टिस के नोट्स और हफ्ते बाद टेस्ट लिया करते है जिससे विद्यार्थी के वीकली प्रोग्रेस का आंकलन लगाया जा सके। पर खान सर के बारे में ऐसी कोई भी जानकारी अभी तक नहीं प्राप्त हुई है। Khan Sir Vs Physics Wallah खान सर हिंदी भाषा में पढ़ाने में रखते है फोकस खान सर सिर्फ एक Prelims और Mains का बैच चलाते हैं वहीं दूसरी तरफ अगर Physics Wallah या UPSC वाला की बात करें तो वह मल्टीपल कोर्सेज का विकल्प लोगों को देते हैं। इसे लोग अपनी सुविधा के अनुसार हिंदी, इंग्लिश या हिंग्लिश माध्यम के द्वारा किसी भी भाषा में पढ़ सकते हैं। जो अलग-अलग भाषा बोलने वालों को इसकी और आकर्षित करते हैं। जबकि खान सर सिर्फ हिंदी में ही सभी विद्यार्थिओं को टीच करते आ रहे है। Khan Sir Vs Physics Wallah इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है वह सिर्फ इन इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के रिव्यूज के ऊपर की दी गई है। हम आपको  कोई भी शिक्षण संस्थान में एडमिशन लेने के लिए सिफारिश या आवेदन नहीं करते हैं। यह पूर्ण रूप से आपका ही फैसला होगा कि आपने कहां दाखिला लेना है। यह जानकारी इसलिए आपको दी गई है ताकि आप दोनों में से परीक्षण कर सकें कि कौन सा कोचिंग सेंटर आपके लिए बेहतर हो सकता है। दी स्टेट हेडलाइंस किसी भी तरह से इसकी कोई भी जिम्मेवारी नहीं लेता है। यह भी पढ़े : Aakash Vs Physics Wallah, कौन है बेहतर Physics wallah vs Allen, कौन सा बेस्ट ? अपडेट के लिए पेज को सब्सक्राईब करें व FACEBOOK और TWITER को फॉलो करें।

व्यापर

Ayush Verma ने एक ट्रेड में गवाए 84 लाख, अभिषेक कर को दी यह सलाह

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Ayush Verma Trader ने खुद ट्विटर और इंस्टाग्राम पर बताया था ट्रेड दी स्टेट हैडलाइंसचंडीगढ़।भोपाल के नौजवान ट्रेड आयुष वर्मा (Ayush Verma Trader ) एक ही ट्रेड में एक दो लाख नहीं बल्कि पूरे 84 लाख रुपए का नुकसान कर बैठे हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह सच्चाई खुद आयुष वर्मा ने अपने ट्विटर और इंस्टाग्राम हैंडल पर आकर खुद ही बताई है। आयुष वर्मा द्वारा बताई गई। इस सच्चाई को लेकर प्रसिद्ध ट्रेड व इन्वेस्टर अभिषेक कर द्वारा रील बनाए जाने के चलते आयुष वर्मा ही उनसे नाराज हो गए हैं और उन्होंने तुरंत इस कंटेंट को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने की गुजारिश भी की है। असल में बात यह हुई की भोपाल के प्रसिद्ध स्टॉक ट्रेडर अशोक वर्मा द्वारा अपने ट्विटर हैंडल पर बताया गया कि 2 फरवरी को वह जब गाड़ी ड्राइव कर कर जिम से घर की तरफ जा रहे थे तो वह एक ट्रेड में 1 lakh के करीब प्रॉफिट में चल रहे थे परंतु कुछ ही सेकंड के पश्चात जैसे ही वह घर पहुंचे तो उन्हें 83.88 उन्हें रुपए का नुकसान हो चुका था। उनके द्वारा बाकायदा ट्रेड के स्क्रीनशॉट को भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिखाया गया था। आयुष वर्मा द्वारा दिखाए गए इस ट्रेड में यह भी बताया गया कि जितना पैसा उन्होंने पूरे साल में कमाया था उतना उन्होंने एक ही ट्रेड में कुछ ही सेकंड के दौरान गवा दिया है। https://twitter.com/ayushvtf/status/1753329035269263717 अभिषेक कर ने बने रील तो नाराज हुए Ayush Verma प्रसिद्ध स्टॉक ट्रेडर और इन्वेस्टर अभिषेक कर ने आयुष वर्मा के स्टेट को लेकर एक रेल बनाई और बताया कि कैसे आयुष वर्मा को कुछ ही सेकंड में 84 लाख रुपए का नुकसान हो गया है। इस रील के बहुत ज्यादा वायरल होने के पश्चात आयुष वर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अभिषेक कर आपके द्वारा बनाई गई यह रेल बहुत ही ज्यादा वायरल हो रही है। यह अच्छी बात है कि अवेयरनेस के लिए ऐसा किया जाना चाहिए परंतु आपके द्वारा इसके संबंध में मुझे इजाजत नहीं ली गई है। और मेरा नाम और मेरी डिटेल का इस्तेमाल किया गया है। इसलिए आपसे रिक्वेस्ट है कि इस कंटेंट को तुरंत डिलीट और स्टेप डाउन किया जाए।  https://twitter.com/ayushvtf/status/1753632341594161244 नहीं आया अभिषेक कर का कोई रिप्लाई आयुष वर्मा द्वारा ट्वीट किए जाने के पश्चात भी 24 घंटे के दौरान अभिषेक कर की तरफ से इस संबंध में कोई भी रिप्लाई नहीं दिया गया है। अभी भी उनके इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आयुष वर्मा को हुए 84 लाख रुपए से संबंधित रील चल रही है और बड़े स्तर पर वायरल भी हो रही है। कैसे हुआ 84 लाख का नुकसान Ayush Verma ने बताया कि 2 फरवरी को उनके द्वारा 72500 सेंसेक्स की 1000 लाट पुट उनके द्वारा 50 रुपये पर बेची गई थी। और एक समय उन्हें 1 लाख का फायदा भी हो रहा था परंतु कुछ ही देर में यह पुट 50 रुपये से बढ़कर 1000 पर तक पहुंच गई। zerodha द्वारा उन्हें बिना पूछे उनके माल को काट भी दिया गया। जिस कारण उन्हें 83.84 लाख रुपए का नुकसान हो गया। यह भी पढ़े : 16GB RAM के साथ लांच हो रहा है Vivo का धाकड़ स्मार्टफ़ोन 108 MP कैमरे के साथ लॉन्च हो रहा है OnePlus का यह स्मार्टफ़ोन Xiaomi 13T Pro Launch Date in India: तहलका मचाने आ रहा है यह धाकड़ फ़ोन 50 MP कैमरे वाला धाकड़ फ़ोन इतनी कीमत पर होगा लॉन्च Redmi A2 धाकड़ फ़ोन पर मिल रही है 45% की छूट, पढ़े पूरी जानकारी अपडेट के लिए पेज को सब्सक्राईब करें व FACEBOOK और TWITER को फॉलो करें।  

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